बच्चों को सबक सिखाने के लिए बच्चों को दंड (punishment) न करके अपने आपको सज़ा देने वाले, 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' वाले मास्टर जी का कारनामा आपको तो याद ही होगा जिसमें बच्चों तक सही संदेश पहुँचाने के लिए भिड़े मास्टर बारिश में भीगकर अपने आप को सज़ा देते हैं। कुछ ऐसा ही काम हाल ही में आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के एक हेड मास्टर (head master) ने किया।
सर जी (sir) का कहना था कि कई बार याद दिलाने के बाद भी बच्चों का गृहकार्य (homework) पूरा नहीं हो रहा था और इसके चलते बच्चों की शैक्षणिक प्रगति (academic improvement) न होने से गुरुजी बहुत ही परेशान थे। और इसीलिए सभा (assembly) में गुरुजी ने बच्चों के सामने कान पकड़कर उठक-बैठक करके अपने आप को सज़ा देकर बच्चों तक सही संदेश पहुँचाने का प्रयास किया।
आपको क्या लगता है, गुरुजी के इस प्रयास से बच्चों पर इसका क्या असर होगा?
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